बवासीर होने पर महिलाओं में दिखने वाले 7 लक्षण और बचाव के उपाय
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Category: Urology

Women with hemorrhoids

बवासीर होने पर महिलाओं में नज़र आ सकते हैं, यह 7 लक्षण, जानें कैसे करें अपना बचाव 

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वैसे तो आज के समय में खराब व्यक्तित्व और गलत खानपान की वजह से लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनमें से ही एक बवासीर की समस्या, जो कि लोगों में आजकल एक आम बन गई है। आपको बता दें कि ज्यादातर लोगों को अपने जीवन में कभी न कभी बवासीर जैसी समस्या का सामना जरूर करना पड़ता है। दरअसल इस दौरान व्यक्ति को कब्ज की समस्या होना, खराब जीवनशैली और साथ ही गलत खान-पान होना, यह सभी बवासीर के मुख्य कारण होते हैं। बता दें कि बवासीर की स्थिति काफी ज्यादा दर्दनाक होती है, इसलिए इस दौरान मल त्याग करने में काफी ज्यादा परेशानी आती है। आमतौर पर इसके अलावा मलद्वार में जलन होना, खुजली और चुभन आदि जैसी समस्याएं महसूस हो सकती हैं। हालांकि बवासीर जैसी समस्या किसी को भी हो सकती है, पर आमतौर पर महिलाएं इस तरह की समस्या से काफी ज्यादा परेशान हो सकती है। क्योंकि वह घर और ऑफिस की दोहरी जिम्मेदारियों के बीच में ही उलझ कर रह जाती हैं और इस बीच वह खुद पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती हैं। बता दें कि इसका प्रभाव उनके पाचन तंत्र पर पड़ता है, जिसकी वजह से उनको कब्ज और बवासीर जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इस के डॉक्टर से विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे की आखिर महिलाओं में बवासीर के कौन-कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं? 

बवासीर क्या है?

बवासीर एक प्रकार की गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर गुदा या फिर मलाशय जैसे क्षेत्र को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। दरअसल पाइल्स या बवासीर जैसी समस्या लोगों को बहुत ज्यादा प्रभावित करने वाली समस्या है। बता दें कि बवासीर इस तरह की स्थिति है, जिसमें गुदा या फिर उसके आसपास के क्षेत्र में मौजूद नसों में सूजन आ जाती है। इस सूजन की समस्या की वजह से व्यक्ति को गुदा में दर्द, मल त्याग के समय असहजता और साथ ही खून की कमी होना जैसे लक्षणों का अहसास होता है। दरअसल इस तरह की समस्या महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित कर सकती है। 

महिलाओं में बवासीर के लक्षण

1. गुदा के पास गांठ या सूजन

महिलाओं में बवासीर के दौरान गुदा के पास एक गांठ या फिर सूजन बन जाती है, जो आमतौर पर कभी छोटी तो कभी बड़ी हो सकती है। यह बवासीर का एक मुख्य लक्षण होता है। हालांकि यह सूजन कई बार दर्द, खुजली, जलन और भारीपन का एहसास कराती है, और कुछ मामलों में काफी ज्यादा दर्दनाक साबित हो सकती है, पर हर स्थिति में यह दर्दनाक हो ऐसा जरूरी नहीं होता। दरअसल इस दौरान इस गांठ की वजह से एक महिला को बैठने में भी काफी ज्यादा परेशानी होती है। बता दें कि कई बार मल त्याग के दौरान खून आना, गीलापन या फिर असहजता भी महसूस होती है, दरअसल इतना ही नहीं इसकी वजह से मल त्याग के बाद गुदा को साफ करने में भी काफी ज्यादा परेशानी आती है। जिसकी वजह से बैठने या चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है। अगर आपको इस दौरान इस तरह के लक्षण नजर आते  है, तो आप इस दौरान तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

2. गुदा में तेज खुजली

बता दें कि बवासीर महिलाओं के मलाशय के अंदर या फिर बाहर की तरह हो सकता है, जैसे की आंतरिक बवासीर गुदा  के अंदर होता है, और जबकि बाहरी बवासीर मलाशय के आस-पास की त्वचा में महसूस होता है। आमतौर पर बवासीर की समस्या के कारण महिलाओं के गुदा में तेज खुजली होने लग जाती है। असल में इस दौरान यह क्षेत्र काफी ज्यादा संवेदनशील हो जाता है, जिसकी वजह से जलन और खुजली होती है।

3. गुदा से बलगम निकलना

कभी-कभी बवासीर की समस्या के दौरान गुदा से बलगम जैसा तरल पदार्थ भी बाहर निकल सकता है। आमतौर पर गुदा से बलगम का रिसाव बवासीर का एक आम लक्षण हो सकता है। दरअसल इस दौरान रोगी को अपना गुदा क्षेत्र लगातार गीला प्रतीत होता है, जिसकी वजह से गुदा में खुजली, जलन और असहजता बढ़ जाती है। बता दें कि यह एक संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसलिए बवासीर की समस्या के दौरान रोगी को अपने गुदा क्षेत्र को हमेशा अच्छे से साफ़ रखना चाहिए। कई बार यह बलगम मल त्याग के दौरान काफी ज्यादा निकलती है और कपड़ों पर दाग या फिर बदबू की समस्या भी पैदा कर सकती है। अगर बलगम का स्त्राव होता है और मल त्याग के दौरान दर्द होता है, तो इस तरह की स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हालांकि इस तरह की स्थिति के दौरान डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।

4. गुदा के पास का क्षेत्र लाल होना

दरअसल इस दौरान अगर आपको अपने गुदा के पास का क्षेत्र लाल दिखाई देता है या फिर उसमें दर्द काफी ज्यादा होता है, तो इस तरह की स्थिति अक्सर बवासीर के दौरान देखी जा सकती है। इस दौरान रोगी की त्वचा संवेदनशील हो जाती है, जिसकी वजह से खुजली, दर्द और असहजता महसूस होती है। आपको बता दें कि बवासीर के रोगियों को अक्सर गुदा में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। 

5. मल त्याग के दौरान कठिनाई

आमतौर पर बवासीर एक इस तरह की स्थिति है, जिसमें रोगी को मल त्याग के समय कई तरह की समस्यायों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि इसमें आमतौर पर एक रोगी को तेज दर्द, चुभन जैसी समस्या महसूस होती है। जिसकी वजह से मल त्याग भी आसानी से नहीं हो पाता है। 

6. पेट में तेज दर्द

बता दें कि बवासीर के दौरान रोगी के पेट में सीधे तौर पर  दर्द नहीं होता है, दरअसल पेट में दर्द एक आम समस्या है, जो कई बार साधारण कारणों की वजह से भी हो सकती है। पर इस दौरान रोगी को पेट दर्द का भी सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि इस समस्या दौरान रोगी के पेट में कब्ज बन जाती है, और इसकी वजह से ही पेट में दर्द और साथ ही पेट में मरोड़े उठना शुरू हो जाते हैं। आमतौर पर अगर रोगी को बार-बार इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो इस दौरान उसको अपने डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। 

7. बार-बार मल त्याग की इच्छा होना

दरअसल, इस दौरान रोगी को बवासीर की समस्या होने पर मल त्याग में काफी ज्यादा परेशानी होती है। आमतौर पर इस दौरान रोगी को अक्सर ऐसा महसूस होता है, कि उसका पेट पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है, जिसकी वजह से रोगी को बार-बार मल त्याग करने की इच्छा बनी रहती है। बता दें कि इस समस्या की वजह से रोगी का पेट सही तरीके से साफ़ नहीं हो पाता है और कई बार मल त्याग करने की कोशिश के दौरान दर्द, जलन या फिर खून आने जैसी समस्या भी सामने आ सकती है। जिसकी वजह से रोगी और ज्यादा असहजता महसूस होती है। 

बवासीर से बचाव के उपाय

1. बवासीर से बचने के लिए आप रोजाना नियमित रूप से अपनी डाइट में फाइबर युक्त आहार, जैसे कि साबुत अनाज, हरी सब्जियां, सलाद और फल आदि को शामिल करें। ताकि कब्ज जैसी समस्या से बचाव किया जा सके। 

2. दरअसल बवासीर से बचाव के लिए आपको रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, इससे आपका शरीर हाइड्रेट रहता है और मल भी नरम रहता है। जिससे इस तरह की समस्या से बचा जा सकता है। 

3. इस दौरान आप नियमित रूप से व्यायाम करें, क्योंकि हल्की कसरत, योग या फिर वॉक करने से पाचन क्रिया काफी ज्यादा बेहतर होती है।

4. आमतौर पर, बवासीर से बचाव के लिए आपको लंबे समय तक बैठने से बचना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक बैठने या फिर खड़े रहने से दबाव काफी ज्यादा बढ़ता है।

5. मल त्याग के दौरान ज्यादा जोर न लगाएं, क्योंकि मल त्याग के दौरान तनाव होने पर बवासीर की समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

बवासीर एक प्रकार की गंभीर बीमारी है और आजकल लोगों में बवासीर की समस्या काफी आम देखी जा रही है। व्यक्ति को कब्ज की समस्या होना, खराब जीवनशैली और साथ ही गलत खान-पान होना, यह सभी बवासीर के मुख्य कारण होते हैं। इस समस्या में गुदा या मलाशय जैसे क्षेत्र काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं। बवासीर जैसी समस्या किसी को भी हो सकती है, पर घर और ऑफिस की दोहरी जिम्मेदारियों होने के कारण महिलाएं इस तरह की समस्या से काफी ज्यादा परेशान हो सकती है। बवासीर के दौरान महिलाओं में, गुदा के पास गांठ या सूजन होना, गुदा में तेज खुजली होना, गुदा से बलगम निकलना, गुदा के पास का क्षेत्र लाल होना, मल त्याग के दौरान कठिनाई, पेट में तेज दर्द और बार-बार मल त्याग की इच्छा होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस दौरान अगर आपको भी बवासीर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो इस दौरान आपको बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसको बिलकुल भी नज़रअंदान न करें, क्योंकि धीरे-धीरे यह समस्या आपके लिए बहुत ज्यादा दर्दनाक या फिर पीड़ादायक बन सकती है। शुरुआत में इस समस्या को दवाइयों से ठीक किया जा सकता है, पर अगर समय पर इसका उपचार न कराया जाए और समस्या गंभीर हो जाए, तो इस दौरान डॉक्टर इसके लिए सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है और अगर आपको भी इस तरह की कोई समस्या है और आप इस समस्या से ज्यादा परेशान हैं और आप इस समस्या का तुरंत इलाज करवाना चाहते हैं, तो आप आज ही डॉ. वीजे हेयर ट्रांसप्लांट और कॉस्मेटिक सर्जरी सेंटर में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

Burning sensation in the anus

डॉक्टर से जानिए मलद्वार में जलन के क्या कारण, लक्षण और उपचार के तरीके  

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मलद्वार और मलाशय दरअसल यह शरीर के महत्वपूर्ण अंग होते हैं और इन अंगों में बीमारी या फिर किसी भी तरह की समस्या की वजह से व्यक्ति को काफी ज्यादा परेशानी हो सकती हैं। आपको बता दें कि मलद्वार में जलन की समस्या का कारण आमतौर पर बवासीर, आपके आहार का चुनाव, या टॉयलेट पेपर में मौजूद परेशान करने वाले परफ्यूम और रसायन हो सकते हैं। पर इसके अलावा कई और वजह भी हैं, जिसकी वजह से मलद्वार में यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। बता दें कि मलद्वार में जलन और खुजली दर्दनाक हो सकती है और यह व्यक्ति के काम या फिर दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकती है। दरअसल मलद्वार में जलन की समस्या को नजरंदाज करना सेहत पर भरी पड़ सकता है। बता दें कि इस का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है, पर इसके साथ ही इसमें दवाइयाँ और जीवनशैली में बदलाव शामिल हो सकते हैं। आमतौर पर एक्सपर्ट चिकित्सक की निगरानी में और सही समय पर इस समस्या का इलाज कराना फायदेमंद होता है। दरअसल व्यक्ति को कई बार गुदा नली में पस फंस जाने या फिर किसी इन्फेक्शन आदि की वजह से जलन की परेशानी होती है, तो कई बार मलद्वार में जलन शरीर की अंतर्निहित स्वास्थ्य परेशानियों की वजह से भी हो सकता है। आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इसके विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

मलद्वार में जलन के कारण

दरअसल लोगों की मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द आदि की वजह से उनको मलद्वार में जलन की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि कई बार इस तरह की जलन और दर्द की परेशानी अपने आप ठीक हो जाती है। और इसके साथ ही कई मामलों में इस समस्या के गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं। आमतौर पर डॉक्टर के अनुसार इस समस्या से पीड़ित मरीजों में मल त्याग करते वक्त या फिर बैठे रहने पर जलन की समस्या होती है। आपको बता दें कि इस समस्या के पीछे कई कारण जिम्मेदार माने जाते हैं। इसके साथ ही पाचन से जुड़ी कई समस्याएं भी मलद्वार में दर्द और जलन की वजह हो सकती है। आमतौर पर मलद्वार में जलन की समस्या के विशेष कारण कुछ इस प्रकार हैं, 

1. गुदा विदर : 

दरअसल गुदा में होने वाले घाव, उसके फटने या फिर दरारों को गुदा विदर कहा जाता है। आमतौर पर गुदा विदर तब होता है, जब गुदा अपनी आम क्षमता से कुछ ज़्यादा खिंच जाता है, जो अक्सर कठोर, कब्ज युक्त मल और फटने की वजह से होता है। आपको बता दें कि गुदा में दरार की समस्या होने पर भी मरीजों को मलद्वार में जलन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि व्यक्ति को एक बार गुदा विदर शुरू हो जाने पर, इसके दोबारा चोटिल होने का जोखिम बना रहता है। हालांकि यह समस्या अक्सर व्यक्ति को मल त्याग करते वक्त हो सकती है। इस में ज्यादातर दर्द, जलन, मल में रक्त आना और गुदा में कट या फटना आदि जैसे लक्षण शामिल हैं। 

2. बवासीर : 

बवासीर जिसको कभी कभी पाइल्स भी कहा जाता है, जो एक तरह की आम स्थिति है। दरअसल इसकी वजह से व्यक्ति के गुदे में जलन और खुजली, मल में खून आना और साथ ही गुदा के आस-पास सख्त गांठें पड़ सकती हैं, आमतौर पर जब सूजी हुई नसें गुदा और इसके साथ ही मलाशय के निचले हिस्से पर अपना दबाव डालती हैं। समस्या के कारण मलद्वार में जलन की समस्या उत्पन्न सकती है। आपको बता दें कि बवासीर के मरीजों में मलद्वार में जलन के साथ -साथ दर्द भी होता है।

3. दस्त : 

बता दें कि दस्त के दौरान, रोगी की मल त्याग पतली और पानी जैसी होती है। दस्त की वजह से भी मलद्वार में जलन की समस्या हो सकती है, पर दस्त के वजह से रोगी को हमेशा गुदा में जलन की समस्या नहीं हो सकती है। आमतौर पर जो लोग अपने गुदा क्षेत्र को काफी ज़्यादा पोंछते रहते हैं और इसके साथ ही बहुत ज्यादा मल त्याग करते हैं, दरअसल तब उनकी त्वचा में जलन की समस्या पैदा हो सकती है, जिसकी वजह से गुदा में दर्द और साथ ही जलन की समस्या हो सकती है। आपको बता दें कि मरीज को अधिक गंभीर दस्त की समस्या होने पर मरीजों में इसके लक्षण काफी ज्यादा बढ़ सकते हैं। 

4. कब्ज : 

कब्ज एक वह स्थिति है, जब व्यक्ति आमतौर पर सप्ताह में तीन बार से कम अपना मल त्याग करता है। दरअसल इसके अलावा, व्यक्ति कठोर मल त्याग भी करता है, जिसकी वजह से उस को गूदे में जलन होती और साथ ही दर्द भी होता है। दरअसल इसके साथ ही उसको शौचालय की सीट पर बैठने में काफी ज्यादा परेशानी होती है। कुल मिलाकर कब्ज की समस्या की वजह से व्यक्ति को मलद्वार में जलन का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि कब्ज के पुराने मरीजों में यह समस्या आम है।

5. चोट, सेक्स या हस्तमैथुन : 

बता दें कि मलद्वार में जलन की समस्या तब होती है, जब मलाशय में किसी प्रकार की चोट लग जाती है। दरअसल कठोर या कब्ज युक्त मल त्याग करने की वजह से गुदा की त्वचा में खिंचाव आ सकता है, जिसकी वजह से मलद्वार में जलन और दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा, यौन संबंध बनाते वक्त अगर गुदा का सही ढंग से देखभाल न की जाए, या फिर पर्याप्त लुब्रिकेशन का उपयोग न किया जाए, तो गुदा में चोट लग सकती है और आपको जलन की समस्या शुरू हो सकती है। आमतौर पर इसी तरह, गुदा से जुड़ी हस्तमैथुन गतिविधियां भी कभी-कभी गूदे की कोमल त्वचा को नुकसान पहुंचा कर जलन, खुजली और दर्द जैसी समस्या का कारण बन सकती हैं। आपको बता दें कि इस तरह की समस्या लंबे समय तक रहने पर व्यक्ति को बैठने, चलने या फिर शौच करने में तकलीफ हो सकती है। कुल मिलाकर मलाशय या फिर गुदा में चोट या सेक्स या हस्तमैथुन के दौरान गुदा में हुई समस्याओं की वजह से मलद्वार में जलन की समस्या हो सकती है।

6. यौन संचारित रोग : 

मलद्वार में जलन और दर्द यौन संचारित बीमारियों जैसे कि, क्लैमाइडिया, गोनोरिया, हर्पीस और सिफलिस की वजह से भी हो सकती है। आमतौर पर इस तरह की समस्याएं गुदा की नाजुक परत को प्रभावित करती हैं और साथ ही वहां सूजन, लालिमा, घाव, पस या फिर छाले जैसी समस्यााओं को उत्पन्न कर देती हैं। आपको बता दें कि कई बार व्यक्ति को इसके साथ खुजली, असामान्य डिस्चार्ज और पेशाब या फिर मल त्याग के वक्त तेज जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि हर्पीस जैसी समस्याओं में छोटे-छोटे दर्दनाक फफोले भी हो सकते हैं और जबकि गोनोरिया और क्लैमाइडिया से म्यूकस या फिर खून निकलने जैसी समस्या हो सकती है। इसकी वजह से मलद्वार में जलन की समस्या हो सकती है।

मलद्वार में जलन के लक्षण 

मलद्वार में जलन की समस्या के दौरान मरीजों में अक्सर जलन के साथ-साथ दर्द और खुजली की समस्या देखी जा सकती है। आमतौर पर मरीजों को सबसे ज्यादा मलत्याग करते वक्त काफी समस्यायों का सामना करना पड़ता है। दरअसल इस समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं।

1. मलद्वार में जलन होना। 

2. खुजली की समस्या होना। 

3. मलद्वार में दर्द होना। 

4. गुदा मार्ग में गंभीर चुभन महसूस होना। 

5. खून बहना। 

6. शौच करने में दर्द होना। 

7. गुदा में बार-बार फोड़े होने की समस्या होना। 

8. मलद्वार में लालिमा आ जाना। 

9. गूदे में सूजन की समस्या होना। 

10. बुखार लगना, ठंड लगना और थकान महसूस होना। 

11. फटने या कटने का अहसास होना। 

12. असामान्य स्राव (डिस्चार्ज) होना। 

13 . बैठने या चलने में असुविधा महसूस होना। 

14. मलद्वार में छाले या फफोले होना 

15. गुदा के आसपास नमी या फिर चिपचिपा पन महसूस होना। 

16. मलद्वार पर बार-बार जलन का एहसास होना। 

17. गुदा में भारीपन या फिर दबाव का महसूस होना। 

मलद्वार में जलन की समस्या का इलाज और बचाव

आपको बता दें कि डॉक्टर सबसे पहले मरीजों में मलद्वार के जलन की समस्या के दौरान लक्षणों की हिसाब से जांच करते हैं। आमतौर पर जांच के बाद डॉक्टर मरीजों में इस समस्या के सही कारणों की पहचान करता है और उनको दूर करने के लिए उपचार करता है। दरअसल इस समस्या का उपचार आयुर्वेदिक पद्धति से भी किया जाता है। आपको बता दें कि कई मरीजों में बवासीर की परेशानी को इसका विशेष कारण माना जाता है, हालांकि इस तरह की स्थिति में डॉक्टर बवासीर को खत्म करने के लिए इलाज करते हैं। मलद्वार में जलन की समस्या आमतौर पर अगर किसी चोट या फिर शारीरिक संबंध बनाते वक्त हुई गलतियों के कारण होती है, तो इस में व्यक्ति का इलाज अलग तरीके से किया जा सकता है। आपको बता दें कि इस समस्या के लक्षण दिखाई देते ही आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। दरअसल इस तरह की समस्या से बचाव के लिये आपको रोजाना स्वस्थ भोजन और एक अच्छी जीवनशैली अपनानी चाहिए। इसके साथ ही अपने खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों में बदलाव करके आपको इस तरह की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। 

निष्कर्ष

मलद्वार और मलाशय यह शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं और इन अंगों में बीमारी या फिर किसी भी तरह की समस्या की वजह से व्यक्ति को काफी ज्यादा परेशानी हो सकती हैं। गुदा में जलन और खुजली कई अलग-अलग स्थितियों या फिर स्रोतों की वजह से हो सकती है। ज्यादातर मरीजों के लिए, गूदे में दर्द और जलन काफी तकलीफदेह हो सकती है। यह समस्या ज्यादा खतरनाक तो नहीं होती है, पर अगर यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है और ठीक नहीं हो रही है, तो इस दौरान आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच जरूर करानी चाहिए। क्योंकि इस दौरान यह व्यक्ति की सामान्य गतिविधियों में बाधा डाल सकती है, बेचैनी पैदा कर सकती है और कई बार ये किसी गंभीर रोग का भी संकेत हो सकती है। मलद्वार में जलन की वजह पता चलने पर, उसका समाधान किया जा सकता है और तुरंत उपचार शुरू किया जा सकता है। कई बार गुदा में जलन और खुजली को रोका जा सकता है। गुदा की ज़्यादा सफ़ाई करने से बचें और कब्ज या फिर दस्त जैसी पाचन समस्याओं का डॉक्टर से इलाज करवाएं। अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण अपने आप में दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह आपके लिए लाभदायक हो सकता है। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है और अगर आपको इस तरह की कोई समस्या है और आप इस समस्या का तुरंत इलाज करवाना चाहते हैं, तो आप आज ही डॉ. वीजे हेयर ट्रांसप्लांट और कॉस्मेटिक सर्जरी सेंटर में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।