भारत में चमकदार चेहरे की सर्जरी को करवाने में कितना खर्चा आता है ?

भारत में चमकदार चेहरे की सर्जरी को करवाने में कितना खर्चा आता है ?

Skin Brightening Treatment

चमचमाता चेहरा आज के समय में कौन नहीं चाहता हर व्यक्ति इसकी चाहत जरूर से रखता है खास कर महिलाएं। तो वहीं इस सर्जरी का चयन क्या महिलाओं को अपने चेहरे पर करना चाहिए या नहीं या अगर चेहरे को अच्छा बनाने के लिए वो इस सर्जरी का चयन कर भी रहीं है तो उन्हें किन बातो का ध्यान रखना चाहिए, और चमकदार चेहरे को पाने वाली वाइट स्किन ट्रीटमेंट को करवाने में कितना चर्चा आता है इसके बारे में संपूर्ण लेख में चर्चा करेंगे ;   

क्या है वाइट स्किन ट्रीटमेंट ? 

  • वाइट स्किन ट्रीटमेंट में स्किन टोन को बेहतर कर उसकी क्वॉलिटी में सुधार लाया जाता है। वहीं अनुभवी ब्यूटीशियन का कहना है कि इस ट्रीटमेंट के दौरान स्किन को ओवरऑल इम्प्रूव किया जाता है, जिसमें फेयरनैस, ग्लो, वाइटनिंग और नेचरल ब्लश पर ध्यान दिया जाता है। 
  • फर्स्ट प्रोसेस में स्किन को सबसे पहले हाइड्रेट किया जाता है और उसके बाद स्किन के दाग धब्बे और एक्ने को क्लीन किया जाता है। दरअसल, तीन से चार सीटिंग में यह ट्रीटमेंट आपको दिया जाता है।

अगर आप सुन्दर चेहरा पाना चाहते है, तो इसके लिए आपको विजाग में कॉस्मेटिक सर्जरी का चयन करना चाहिए।

वाइट स्किन ट्रीटमेंट को कितने भागो में किया जाता है ?

इसको तीन से चार भागों में किया जाता है, जैसे –

  1. इसमें सबसे स्किन टोन किया जाता है, और इस ट्रीटमेंट में सबसे पहले आपकी स्किन कैसी है, उसका टोन और टेक्सचर क्या है और ट्रीटमेंट की कौन सी प्रोसेस उसके लिए परफेक्ट रहेगी, इस पर ध्यान दिया जाता है।
  2. स्किन पिगमेंट, में स्किन का डार्क या फेयर होना स्किन पिगमेंट मेलानिन पर निर्भर करता है। मेलानिन ही स्किन के टोन और रंग को तय करता है। जिस स्किन में ज्यादा मात्रा में मेलानिन निकलता है, वह ज्यादा शाइनिंग करती है और जिसमें कम मेलानिन निकलता है, वह त्वचा ज्यादा सांवली दिखती है। जिस स्किन में कम मात्रा में मेलानिन निकलता है, उसे हाइपोपिगमेंटेड स्किन कहा जाता है।

डार्क स्किन हाइपोपिगमेंटेड स्किन है, क्योंकि इसमें मेलानिन पिगमेंट की मात्रा कम होती है और जिसके कारण त्वचा का रंग सांवला या काला हो जाता है और कोई ग्लो नहीं रहता है। वाइट स्किन ट्रीटमेंट में स्किन की इस कमी को इम्प्रूव किया जाता है। इसमें मेलानिन की क्वांटिटी को ट्रीटमेंट के जरिए बढ़ाया जाता है।

  1. फिर स्किन ब्लीचिंग, स्किन को फेयर करने का एक प्रोसेस है। इसके अलावा, मास्क, जेल, फेशियल जैसी चीजों का भी इस प्राेसेस में यूज किया जाता है। और तो और हर स्किन के लिए ट्रीटमेंट अलग होता है और यह तय किया जाता है।

अगर आप बेहतरीन और सुन्दर चेहरा चाहती है, तो आप इसके लिए विजाग में स्किन ग्लो ट्रीटमेंट का चयन कर सकती है। 

वाइट स्किन ट्रीटमेंट का चयन किन्हे नहीं करना चाहिए !

  • जिन लोगों को दिल से संबंधित विकारों का इतिहास है, बार-बार बुखार या ठंड लगना और निशान पड़ने की प्रवृत्ति है, उन्हें त्वचा को गोरा करने के लिए केमिकल पील्स उपचार से बचना चाहिए। 
  • गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को भी गहरे केमिकल पील्स उपचार का चयन नहीं करना चाहिए।

ध्यान रखें :

  • ट्रीटमेंट के दौरान आप अपने से कोई भी क्रीम या मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल न करें, क्योंकि उस दौरान कॉस्मेटिक का इस्तेमाल करने से एलर्जी या इन्फेक्शन हो सकता है।
  • जितना हो सके घर में रहें और धूप के संपर्क में ना आएं क्योंकि यूवी किरणें सर्जरी के बाद आप की स्किन के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकती है।

वाइट स्किन ट्रीटमेंट का खर्चा कितना आता है ?

  • भारत में लेजर उपचार की लागत 30,000 रुपये से लेकर 60,000 रुपये के बीच कहीं भी भिन्न हो सकता है। 
  • वहीं इस सर्जरी को करवाने के बाद त्वचा को गोरा करने या स्किन में कोई परेशानी न आए इसके लिए डॉक्टर के द्वारा क्रीम बताई जाती है जिसकी कीमत 200 रुपये से लेकर 3000 रुपये के बीच हो सकती है।
  • इसके अलावा इस ट्रीटमेंट के खर्चे की बात करें तो इसका खर्चा हर हॉस्पिटल या क्लिनिक में अलग हो सकता है।

वहीं आप चाहें तो इस ट्रीटमेंट को वाजिफ दाम में वी जे एस कॉस्मेटिक क्लिनिक में भी करवा सकते है।

निष्कर्ष :

चेहरे को चमकदार करवाना कोई गलत बात नहीं है लेकिन हां उस ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी हासिल न करके फिर उसे चुनना वो गलत है। वहीं वाइट स्किन ट्रीटमेंट चेहरे के लिए काफी बेहतरीन सर्जरी है, इसलिए जरूरी है की इस सर्जरी का चयन करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें की क्या आपके स्किन को इस तरह के सर्जरी की जरूरत है या नहीं।

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